Apna apna najariya

एक दिन मुझे मेरे दोस्त शालू के घर से शादी का निमंत्रण आया मैने कार्ड में देखा तो उसके भैया की शादी थी उसके भैया जाब में अच्छे पोस्ट पर थे उनकी सैलरी भी अच्छी खासी थी ।
कुछ दिन में शादी का दिन भी आ गया मै पहले दिन से ही वहां चली गई थी क्योंकि शालू और मै बेस्ट फ्रेंड थे  उनकी फैमली भी मुझे शालू की तरह ही मानती थी और मुझे पहले ही आने को बोला गया था।
वहां आने के बाद मै वहां कि तैयारी देखकर शॉक्ड में थी क्योंकि शादी एकदम सिंपल तरीके से हो रही थी शालू से पुछने पर पता चला कि उसके भैया को ऐसी ही शादी पसंद है और उन्होंने दहेज लेने से भी साफ मना कर दिया है। मुझे ये जानकर आश्चर्य हुआ कि जहां लोग आजकल दिखावे से कही पीछे नही रहते छोटी सी ऊंच नीच होने से रिश्ते तोड़ देते है वही शालू के भैया इतनी अच्छी पोस्ट पर होने के बाद भी उनमें जरा भी घमंड और दिखावा नहीं था ।

शादी के दिन

सुबह से शादी के रस्मे सुरू हो गई थी पहले दिन देवपुजन था दूसरे दिन हल्दी तीसरे दिन हल्दी और संगीत और चौथे दिन बारात जाना था ।
सब बारात जाने के लिए रेडी थे कुछ देर में बारात  दुलहन के यहां पहुंच गई वहां सबका अच्छे से स्वागत हुआ और सब अंदर गए वहां हमे दूसरा शॉक्ड मिला इस बार मै अकेले शॉक्ड में नही थी बल्कि शालू के पूरे घर वाले शॉक्ड थे क्योंकि वहां उनका पूरा घर  समान से भरा पडा था पर उनकी पैकेजिग देखकर ही बताया जा सकता था की किसमे क्या क्या समान है उन समान को देखकर ही कोई बता सकता था की वो दहेज में देने के लिए था और यही सबको शॉक लगने का रीजन था क्योंकि इस चीज के लिए उन्होंने पहले ही मना किया था।
इस बारे में जब शालू के भैया से बात हुई तो उन्होंने कहां कि जब मैने पहले ही इस बात के लिए मना किया है तो वो ऐसा क्यों करेंगे क्या पता उन्होंने पहले से समान खरीद रखा हो और शादी के काम के चलते वापस करने का टाइम n मिला हो शादी के बाद करेंगे सोचे हो और इस बात को टाल कर शादी की रस्मे शुरू की गई कुछ देर में शादी सम्पन्न हो गई और बिदाई का समय आ गया और बिदाई के समय सबको ये बात पता चली की वो समान सच में दहेज के लिए ही था क्योंकि लड़की ने ये शर्त रखी की मै यहां से विदा होकर तभी जाऊंगी जब ये समान भी आप लोग स्वीकार करेंगे ये सुनकर सबको बहुत आश्चर्य हुआ कोई लड़की इतनी बड़ी बात कैसे बोल सकती है। लड़की का मानना है की मै वहां जाकर क्या बोलूंगी क्या लाई हूं मैं अपने साथ जो लोग आज कुछ लेने से मना कर रहे है वही कुछ सालो बाद मुझे बोलने लगेंगे कुछ नही लायी है अपने साथ , लड़की के पिता का मानना है की जब मेरी हैसियत है तो मै क्यों नही दूंगा लोग क्या कहेंगे की मैने अपनी बेटी को खाली हाथ विदा कर दिया, लड़के वालों का बड़प्पन था की उन्होंने कुछ भी लेने से मना कर दिया है पर फिर भी आपको देना चाहिए था । जहां एक ओर लड़के वालों में जरा भी घमंड नहीं था वहीं दूसरी ओर लड़की वाले में घमंड और दिखावा भरपूर दुनिया का भी अजीब ही दस्तूर है जो जैसा होता है उसको वैसा ही कभी नही मिलता।

जहा हमारी सरकार आज दहेज जैसी कुप्रथाओं को बंद करा रहे है वही कुछ ऐसे भी लोग है जो इन्हें बढ़ावा दे रहे है और जब कभी शालू के परिवार जैसे लोग इन कुप्रथाओं को बंद करने की शुरुआत करते है तो लड़की के परिवार जैसे लोग इनको यही पर रोक देते है ।

कुछ दिनों बाद

मैं अपने किसी क्रिसचन फ्रेंड के साथ चर्च जाने के लिए रेडी हो रही थी और उसी समय मेरी दो दोस्त मुझसे मिलने आ गई और मुझे चर्च देखने जाने का अपना इरादा बदलना पड़ा वैसे रहने के लिए तो मै हिन्दू परिवार से हु और चर्च मै बस घूमने के इरादे से जा रही थी क्योंकि इससे  पहले मैंने कभी चर्च देखा नही था ।
जब मेरी एक फ्रेंड जिसका नाम कविता था उसने ये सुना कि चर्च जा रही ही हु तो बोलने लगी की हम हिंदू हैं हमे किसी दूसरे धर्म के यहां नही जाना चाहिए  इससे हमारे धर्म का अपमान होता है जब दूसरे धर्म वाले हमारे मंदिर में नही आते तो हम क्यों जाए और दूसरे धर्म के बारे में बिना मतलब बातें बोलने लगी । क्या ये चीज इतनी मायने रखती है क्या सच में मेरे चर्च जाने से मेरे मेरे धर्म का अपमान होगा और उनका क्या जो मंदिर में होते हुए भी गलत चीजे करते है क्या तब हमारे धर्म का अपमान नही होता।
कमेंट में जरूर बताना.......

मेरी दूसरी फ्रेंड थी उसका ये तर्क था कि सभी पैरेंट्स को चार बच्चे लेने चाहिए दो बेटे दो बेटियां ये कांसेप्ट तो मेरे सिर के ऊपर से ही गया जब मैने उससे इसका रीजन पूछा तो उसने बताया कि अगर एक गर्ल चाइल्ड और एक बॉय चाइल्ड के केस मे अगर किसी को कुछ हो गया तो कोई दूसरा तो होना चाहिए न, सिंगल बॉय चाइल्ड के बारे  में उसका ख्याल था की बेटे को
कुछ हुआ तो हॉस्पिटल ले जाने के लिए कोई दूसरा होना या अगर घर की बहु कही गई तो घर के काम करने के लिए कोई दूसरी होनी चाहिए  जिससे की एक कोई न कोई घर के काम के लिए रहे ,सिंगल गर्ल चाइल्ड है तो वो शादी करके चली जायेगी उसकी तो उसकी शादी के बाद उसके  पैरेंट्स का ख्याल कोन रखेगा । मुझे ये जानकर आश्चर्य हुआ की आज की पढ़ी लिखी पीढ़ी में भी कुछ लोग ऐसे सोचते है। होने को तो कुछ भी हो सकता है पर इसका मतलब ये नहीं की हो सकता है मानकर हम अपने जीने का चीजों को देखने का नजरिया ही बदल दे।

मेरा इस पोस्ट को लिखने के पीछे किसी की भावना को कोई चोट पहुंचाना नही है या किसी धर्म को ठेस पहुंचाना। हर एक का अपना अलग नजरिया होता है चीजों को देखने का । हमे सभी धर्मो की रिस्पेक्ट करनी चाहिए ये । इन तीनो ही चीजों के बारे में आपका क्या ख्याल है कमेंट करके जरूर बताना।

धन्यवाद 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

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